Weather Update: यूपी-हरियाणा में जल्द होगी झमाझम बारिश, जानिए मौसम विभाग का ठंड वाला अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार 12 दिसंबर को दक्षिण भारत के तटीय आंध्र प्रदेश, यानम और रायलसीमा में भी भारी बारिश हो सकती है। इन क्षेत्रों में तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ तूफानी मौसम की भी संभावना है।
Weather Update Today : भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी कि बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। इस कम दबाव क्षेत्र के बनने से आने वाले दिनों में दक्षिण भारत में मौसम (Weather in South India) में बड़ा बदलाव हो सकता है। यह कम दबाव क्षेत्र धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ेगा और 12 दिसंबर तक दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक पहुंचने की संभावना है। इससे खासकर तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल में भारी बारिश होने की संभावना है जो 11 और 12 दिसंबर को इन इलाकों में देखने को मिल सकती है।
12 दिसंबर को बारिश और तूफान का अलर्ट जारी
मौसम विभाग के अनुसार 12 दिसंबर को दक्षिण भारत के तटीय आंध्र प्रदेश, यानम और रायलसीमा में भी भारी बारिश हो सकती है। इन क्षेत्रों में तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ तूफानी मौसम की भी संभावना है। इसके कारण इन इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। इन बदलावों से लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता होगी खासकर उन इलाकों में जहां भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है।
पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग ने उत्तर से दक्षिण तक पूरे भारत में मौसम में बदलाव की संभावना जताई है। इसके मुताबिक आने वाले दिनों में पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी के कारण तापमान में गिरावट आ सकती है। इस दौरान तापमान में गिरावट आने के साथ-साथ दक्षिण भारत में भी भारी बारिश और तूफानी मौसम की संभावना बनी हुई है।
दक्षिण भारत में तेज़ हवाओं के साथ बारिश
विशेष रूप से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुदुचेरी जैसे क्षेत्रों में इस मौसम परिवर्तन के कारण भारी बारिश और तेज़ हवाएं चलने की उम्मीद है। IMD के मुताबिक इस कम दबाव क्षेत्र के चलते अगले 24 से 48 घंटों में भारी बारिश हो सकती है। इसके बाद यह क्षेत्र चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसके परिणामस्वरूप इन राज्यों में मौसम में तीव्र परिवर्तन हो सकता है और कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती है।
कम दबाव क्षेत्र बनने के कारण क्या होगा प्रभाव
कम दबाव क्षेत्र बनने से हवा की दिशा और गति में बदलाव आएगा जिससे पूरे दक्षिण भारत में मौसम में बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं। इससे भारी बारिश के साथ-साथ तेज़ हवाएं चल सकती हैं जो लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं। विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों में यह बदलाव अधिक महसूस होगा। इसके अलावा यह क्षेत्र धीरे-धीरे एक चक्रवाती तूफान का रूप भी ले सकता है जो इन राज्यों में और अधिक खतरनाक मौसम की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
भारतीय मौसम विभाग ने इन बदलावों के मद्देनजर इन राज्यों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। खासकर वे लोग जो तटीय क्षेत्रों में रहते हैं उन्हें भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण अपनी सुरक्षा को लेकर खास ध्यान रखना होगा। IMD ने सभी संबंधित अधिकारियों को भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
इस समय मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए अलर्टों का पालन करना आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार के नुकसान से बचा जा सके। इसके अलावा लोगों को विशेष रूप से यात्रा करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गई है क्योंकि बारिश और तूफान के कारण सड़कें गीली हो सकती हैं और दृश्यता भी कम हो सकती है।
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